प्राचार्य
डॉ. अब्दुल कलाम ने छात्रों के नाम संदेश के रूप में लिखा है कि
“सपना वो नहीं है जो आप सोते समय देखते हैं, लेकिन सपना वो है जो आपको सोने नहीं देता।
विद्यार्थी जीवन प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति के जीवन का स्वर्णिम काल होता है। हर छात्र उपजाऊ जमीन पर उगने वाली फसल की तरह है, जिस पर हर देश और समाज की नींव बनी हो। छात्र राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। विद्यार्थी देश के विकास के रथ के वाहक होते हैं। किसी देश के विद्यार्थी शारीरिक और मानसिक रूप से जितने मजबूत होते हैं, विश्व तरक्की की दौड़ में विकास का रथ उतनी ही तेजी से आगे बढ़ता है।
हमारे देश का प्रत्येक विद्यार्थी अनंत क्षमताओं का अक्षय भंडार है। यह क्षमता अनिवार्य रूप से प्रत्येक छात्र में अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मौजूद होती है। शिक्षा केवल सूचनाओं का भंडार नहीं है, बल्कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य तब पूरा होता है जब छात्र अध्ययन करने के बाद एक आदर्श नागरिक बनते हैं और पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
किसी भी राष्ट्र के भविष्य को संवारने की मुख्य जिम्मेदारी शिक्षकों पर होती है। साहित्य और समाज में शिक्षकों को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। शिक्षक समाज का सबसे भरोसेमंद व्यक्ति होता है और इस विश्वास को बनाए रखना उसका परम कर्तव्य है। शिक्षक हर परिस्थिति में अपने आशीर्वाद की वर्षा से बच्चों को हमेशा हरा-भरा रखते हैं। छात्र एक पत्थर की तरह है जिसे शिक्षकों द्वारा मूर्ति के आकार में उकेरा जाता है। ये मूर्तियाँ बाद में एक समग्र संस्कृति और प्रगतिशील समाज का निर्माण करती हैं।
जय हिन्द
डॉ. कृष्ण कुमार मोटला
प्रिंसिपल, केवी आरआरएल जोरहाट